Sunday 16 October 2016

चूत के पानी का मजेदार स्वाद



मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ। मैंने इसको हिन्दी में लिखने का प्रयास किया था लेकिन मैं लिख नहीं पाया था, मस्ताराम.नेट के सम्पादक जी ने इसे इस हिंदी रूप में प्रस्तुत किया है। प्लीज़ मेरी कहानी को पढ़ कर मुझे प्रोत्साहित करने के लिए ईमेल लिखें।

यह सेक्स कहानी एक रशियन लड़की की चूत चुदाई की है।

मेरा नाम समीर है.. मैं जोधपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ। मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच है वजन लगभग 70 किलो.. अच्छी बॉडी है.. जिम जाता हूँ।
मेरे लंड का साइज़ भी औसत से अधिक लम्बा और मोटा है।

जोधपुर में मेरा खुद का कारोबार है, मैं अक्सर विदेश जाता रहता हूँ.. खास करके रशिया में.. इसीलिए मुझे वहाँ की भाषा भी अच्छे से आती है।

पापा के साथ सम्भोग करने को मजबूर-2


मैंने एक शाम को सोचा कि चलो कहीं घूमने जाता हूँ.. किला देख कर आता हूँ।
मैं अकेला ही अपनी बाइक पर घूमने निकल पड़ा।

सुहाना मौसम था.. शाम का वक्त था.. काफ़ी देर घूमने के बाद मैंने सोचा.. कि चलो बार में जाकर एक-दो पैग मारता हूँ.. फिर घर चला जाऊँगा।

मैं एक बार में घुस गया.. अन्दर जाते ही एक बियर मंगवा ली और हौले-हौले पीने लगा।
इधर-उधर देखा कि कोई माल दिख जाए..
मेरी किस्मत अच्छी थी कि मुझे एक विदेशी बाला दिखाई दी।

वो गजब की सुंदर लग रही थी, उसने स्कर्ट और टॉप पहना रखा था और उसके बड़े-बड़े चूचे गजब ढा रहे थे।

मैं तो बस उसको देखता रह गया और मेरे लंड ने भी उसकी उफनती जवानी को सलामी दे दी।

मैं उसे देखे जा रहा था और जैसे ही उसने मेरी देखा.. तो मैंने हाथ हिला कर ‘हाय’ का इशारा किया।

वो बस मुस्करा दी.. तो मैं उठ कर उसके पास चला गया और बोला- क्या हम बात कर सकते हैं?
वह बोली- हाँ.. कर सकते हैं।

यह बातचीत इंग्लिश में हो रही थी।

मैंने अपना नाम बताया और उसका पूछा तो उसने अपना नाम मारिया बताया और बोली- मैं रशिया से हूँ और इंडिया घूमने आई हूँ।
मैंने कहा- मुझे रशियन आती है।

वो यह जान कर बहुत खुश हो गई और रशियन भाषा में बोली- मैं बहुत दिक्कत महसूस कर रही थी क्योंकि यहाँ के लोगों को रशियन नहीं आती है।

अब हम बातें करने लगे।
मेरा ध्यान तो बस बार-बार उसके चूचों पर ही जा रहा था और मेरा लंड झटके खा रहा था।

उसके होटल रूम में
थोड़ी देर तक बातें करने के और पीने के बाद वो बोली- चलो मेरे होटल चल कर खाना खाते हैं।

हम दोनों उसके होटल रूम आ गए और उसने खाने के साथ एक बॉटल वोड्का का भी ऑर्डर दे दिया।

वो बोली- आप बैठो.. मैं कपड़े चेंज करके आती हूँ। मैं वहीं सोफे पर बैठ गया। थोड़ी देर में वो कपड़े चेंज करके बाहर आई।

वाहह.. क्या माल लग रही थी वो..
उसने एक घुटनों तक की गुलाबी शॉर्ट नाईटी पहन रखी थी.. जिसमें वो एकदम गुलाबी गुड़िया जैसी लग रही थी।

उसके सुनहरे बाल.. नीली आँखें.. गोरी-गोरी चिकनी टाँगें.. जिन पर एक भी बाल नहीं था।
उसके बड़े-बड़े चूचे तो वास्तव में बहुत मस्त लग रहे थे और उसने नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी, यह उसके थिरकते मम्मों को देख कर साफ़ पता लग रहा था। मैं तो उसको ऐसे देख कर पागल हो गया और मेरे लंड अपने आप गीला हो गया।

तभी दरवाजे की घन्टी बजी और होटल वाला वेटर खाना और वोड्का लेकर आ गया।
हम दोनों ने खाना खाया और वोड्का पीने लग गए.. पीते-पीते वो मेरे सामने बैठी थी.. तो उसकी मस्त मोटी मोटी गोरी-गोरी जांघें मुझे दिख रही थीं।

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उसकी नंगी जाँघों को देख कर मेरी पैन्ट में उभार बन गया था.. जिस वो बड़ी मस्त निगाहों से देखे जा रही थी और मुस्करा रही थी।

मैं बोला- आप बहुत सुंदर हो।
वो बोली- थैंक्स..
मैंने कहा- तुम एकदम गुड़िया लग रही हो..

तो वो शर्मा गई।

अब हम दोनों पर वोड्का का थोड़ा-थोड़ा नशा हावी हो रहा था।

तभी वो बोली- मैं आज घूमते-घूमते बहुत थक गई हूँ.. मेरे पैर और कमर दर्द कर रहे हैं।
मैंने कहा- आओ.. मैं मालिश कर देता हूँ तुम्हें अच्छा लगेगा।

वो तुरंत मान गई।

हम दोनों उठ कर बिस्तर पर आ गए और वो मेरे सामने औंधी लेट गई।

अब उसकी मस्त मोटी गांड मेरी आँखों के सामने उठी हुई थी.. उसका 36-28-34 का फिगर मस्त दिख रहा था। उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी।

मैं तो अब होश खो रहा था.. तो उसके पास बैठ गया और उसकी टांगों पर हौले-हौले मसाज करने लगा।
उसकी चिकनी टांगों पर हाथ लगाते ही मेरा लंड क्रान्ति करने लगा।

मैं धीरे-धीरे टांगों पर मसाज करता-करता थोड़ा ऊपर आने लगा और उसकी जाँघों तक मेरे हाथ पहुँच गए।
उसकी गोरी-गोरी मख़मली जांघें देख कर तो किसी बुड्डे का लंड भी पानी छोड़ दे।

मैं उसकी जांघें सहला रहा था और वो हल्की-हल्की मादक आवाजें निकाल रही थी।
मैं समझ गया कि उसको मजा आ रहा है।

मैं हौले-हौले हाथों को थोड़ा और बढ़ाता गया और उसकी नाईटी के अन्दर से उसकी जाँघों के जोड़ तक मसाज करने लगा।

वो थोड़ा हिली.. लेकिन उसने मना नहीं किया.. तो मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई।

अब मैंने थोड़ा हाथों को और ऊपर बढ़ाया.. तो मुझे उसकी पैन्टी महसूस हुई।
पैन्टी पर हाथ लगते मेरा लंड फिर झटके देने लग गया और मैं पैन्टी के ऊपर से उसकी गांड की मालिश करने लगा।

उसकी गांड एकदम कोमल और मखमली सी लग रही थी.. लेकिन मुझे अभी तक उसकी गांड के दीदार नहीं हुए थे।
मैं तो देखने को तड़प रहा था.. तभी वो बोली- अब पीठ पर मालिश करो।

नंगी रशियन लड़की
मैं बोला- फिर तो नाईटी उतारनी पड़ेगी।
कुछ सोचने के बाद उसने मेरे सामने नाईटी उतार दी और फिर उल्टा लेट गई।

अब तो मेरे सामने वो नीली पैन्टी में लेटी थी, ऊपर से लेकर नीचे तक एकदम गोरी चमड़ी.. और छोटी सी पैन्टी में कैद उसकी मोटी गांड..
मेरा तो लंड ये सब देख कर पैन्ट से बाहर आने को तड़प रहा था।

मैंने अपनी पैन्ट उतारी और अंडरवियर में उसकी गांड पर बैठ गया और पीठ में मालिश करने लगा।

उसकी कोई प्रतिक्रिया न होते देख कर मेरा लंड उत्तेजना से तन गया था और उसकी गांड की दरार में बार-बार घुसने की कोशिश कर रहा था।

मैं जैसे ही उसकी पीठ पर मसाज करने के लिए झुकता.. मेरा लंड वैसे ही उसकी गांड की दरार में घुस जाता.. और उसकी हल्के से ‘आ.. उहह.. की आवाज़ निकल आती।

मैं उसकी पीठ पर मसाज करते-करते साइड में से उसके चूचे पर भी हाथ फेर देता.. तो मुझे एकदम कोमल और मुलायम मक्खन के गोले का सा अहसास हो जाता।
मुझे लगा कि मेरा तो पानी यहीं निकल जाएगा। फिर धीरे-धीरे कमर पर मसाज करते हुए मैं उसकी गांड सहलाने लगा और गांड पर मसाज करने लगा। वो अब मज़े ले रही थी.. लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी।

मैं हिम्मत करके और आगे बढ़ा और मैं धीरे-धीरे पैन्टी के ऊपर से उसकी गांड के छेद और चूत के छेद के आस-पास हाथ फिराने लगा।

मैंने देखा कि उसकी पैन्टी एकदम गीली हो गई थी.. मतलब उसको भी चुदास के मज़े आ रहे थे।

अब मैं उसकी गांड और चूत देखना चाहता था.. तो मैंने एक हाथ से पैन्टी को थोड़ा सा साइड में किया और मुझे जन्नत का दरवाजा दिख गया.. एकदम गुलाबी छेद..
मेरा मन किया कि अभी अपनी ज़ुबान घुसेड़ दूँ.. और चूस लूँ..

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लेकिन मैं उसको थोड़ा तड़पाना चाहता था।
मैंने उससे कहा- सीधी हो जाओ.. मैं आगे की मसाज भी कर देता हूँ.. तो वो आँखें बंद किए एकदम चुपचाप सीधी होकर लेट गई।

अब मेरे सामने एकदम दो पहाड़ जैसे मोटे-मोटे गोरे-गोरे चूचे आ गए और उनके ऊपर तने हुए एकदम गुलाबी निप्पल थे।
मैं तो देख एक बार पागल सा हो गया और लंड तो पहले से उतावला हो रहा था।

मैं धीरे-धीरे उसके मम्मों पर हाथ घुमाने लगा और हल्के से दबाया तो उसके मुँह से एक मादक आह निकल गई और वो ‘आ.. आ.. एम्म उउहह..’ करने लगी।

मैंने सीधा अपना मुँह उसके चूचों पर रख लिया और ज़ुबान से उनको चाटने लगा.. तो उसने एकदम से अंडरवियर के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ दिया और सहलाने लगी।

वो भी गर्म हो रही थी.. मैं उसके निप्पल को चूस रहा था.. एक हाथ से दूसरा चूचा भी दबा रहा था।

कुछ ही देर बाद उसने मेरा मुँह उठाया और मुझे लिप किस करने लग गई।

क्या होंठ थे साली के.. एकदम नर्म और मुलायम जैसे कोई फूल हों।
मैं तो कुत्ते के जैसे उसके होंठों को चूस रहा था।

इसके बाद मैंने उसके होंठ छोड़े और उसकी गर्दन में किस करते-करते नीचे को आने लगा.. फिर कंधे पर.. और नीचे पेट में किस करते हुए मैं उसकी पैन्टी के ऊपर से उसकी चूत पर किस करने लगा।

वो मेरे बालों में हाथ फिराने लगी।

मुझे उसकी चूत की खुशबू पागल कर रही थी और वो लगातार ‘आ.. हुउ.. अहह..’ किए जा रही थी।
मैंने अपनी ज़ुबान को उसकी पैन्टी पर फिराना चालू कर दिया, वो बार-बार अपनी गांड उठा रही थी और मेरा सर अपनी चूत पर दबा रही थी।

अंततः जब मैंने उसकी पैन्टी को निकाला.. तो एक गुलाबी सी पाव रोटी के जैसी मखमली बिना झांटों वाली चूत मेरे सामने आ गई और उसको देखते ही मेरे मुँह में पानी आ गया।
मैंने तुरंत अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत की पंखुड़ियों को किस करने लगा।

उसकी चूत का पानी मेरे होंठों पर लग रहा था और मुझे उसकी चूत के पानी का मजेदार स्वाद आ रहा था।

अब वो उत्तेजना के चलते मेरे बाल पकड़ कर खींच रही थी।
मैं उसकी चूत चाटने लग गया.. उसके दाने को अपने दाँतों में हल्के से पकड़ कर काटने लगा।

वो लगातार ‘ऊवू.. इस्स.. उम्म.. आआह…’ की आवाज़ कर रही थी।
यह हिन्दी सेक्स कहानी आप मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे हैं!

मैंने उसकी टांगों को चौड़ा किया और बड़े आराम से.. मज़े से उसकी चूत को चाटने लगा, मैं अपनी ज़ुबान से चूत को चोदने लगा। कुछ मिनट तक चूत चाटने से वो मेरे मुँह में 2 बार झड़ चुकी थी।
फिर उसने मुझे हटाया और बोली- लेट जाओ..

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मैं लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गई और वो मेरी छाती पर चुम्बन करते हुए नीचे जाने लगी और अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को किस करने लगी।

मैं आँखें बंद किए हुए लंड की सनसनी का मजा ले रहा था। उसने मुझे नंगा किया और मेरा फनफनाता हुआ लम्बा लौड़ा सामने आ गया।

वो अंग्रेजी में बोली- वाऊ.. नाइस डिक..
वो तुरंत ही मेरे लौड़े को अपने मुँह में लेकर कुल्फी के जैसे चूसने में लग गई।

मैं उत्तेज़ना के कारण उसके मुँह में झड़ गया और वो मेरा सारा माल पी गई।

फिर हम 69 में आ गए और 5 मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

अब मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया, मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा आधा लंड चूत में घुस गया।

वो ज़ोर से चिल्ला पड़ी- एयाया ऊऊओ.. गॉड..

मैंने एक और धक्का मारा.. और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में गॅप्प से समा गया।

कुछ ही पलों में वो नीचे से अपनी गांड उठाकर ‘आह.. उउउहह…’ करने लगी।

मैंने दनादन धक्के लगाना चालू कर दिए।
मजेदार चुदाई के बाद मैंने उसको कुतिया बना उल्टा किया और पीछे से एक बार में पूरा लंड उसकी चूत में ठोक दिया।

वो एकदम से उछल पड़ी और चिल्लाने लगी- ऊओह या.. उह… उह… आअहह..
मैं उसको ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था।

कुछ देर बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने उसको नीचे बिठाया और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया।
मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह को चोदने लगा और उसके मुँह में ही झड़ गया।
वो सारा माल पी गई।

सामूहिक चुदाई का अजब गजब रंगमंच


इस तरह हमने उस रात पूरी रात चुदाई की।

दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी.. प्लीज़ मुझे अपने विचार ईमेल करना।
मुझे इंतजार रहेगा।